हम सभी अच्छे से जानते हैं कि आज के समय में रिश्ते चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। कोई भी रिश्ता परफेक्ट नहीं होता। चाहे बात करें पति-पत्नी की या फिर सास-बहू के रिश्ते की। हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव लगे ही रहते है। लेकिन कभी-कभार रिश्तों में ऐसे मोड़ भी आते हैं जिनकी वजह से रिलेशन में मनमुटाव होने लगता है या फिर यूं कहें कि मन ही मन ये ख्याल आता है कहीं रिलेशन टूट न जाए। हम इस बात को मानते हैं कि कुछ गलतियां अनजाने में या ओवर पजेसिवनेस के कारण पनपी होती हैं, लेकिन इन गलतियों का एहसास तब होता है जब रिश्ता बुरी तरह से टूट जाता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि रिश्तों को कभी-कभी नेविगेट करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। निश्चित रूप से, ऐसी कई चीजें हैं जो हमें रिश्ते में नहीं करनी चाहिए। जी हां, लोग गलतियां करते हैं, यह सामान्य बात है। लेकिन कुछ गलतफहमियां आपके रिश्ते को खतरे में डाल सकती हैं। खासकर तब, जब आप इन्हें लगातार या फिर लंबे समय तक करते रहें। हम ऐसा बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि आपको किसी भी तरह की कोई गलती नहीं करनी चाहिए, लेकिन आप या आपके जीवनसाथी को उन कॉमन मिस्टेक के बारे में पता होना चाहिए, जो आपके खुशहाल शादीशुदा रिश्ते की नींव को हिला सकती है।
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* कभी-कभार दंपति (पति-पत्नी) जब वर्तमान मुद्दों को हल करने की कोशिश करते हैं तो उनका ध्यान अपनी पिछली समस्याओं की ओर केंद्रित होता है जिसके कारण एक बार फिर बात वहीं आकर अटक जाती है जहां से शुरू हुई थी। ऐसे में पति-पत्नी की लड़ाई सुलझने की बजाए और बिगड़ने लगती है। ऐसे में आप दोनों की सबसे पहली कोशिश होनी चाहिए कि आज आप दोनों के बीच जिस मुद्दे को लेकर बहस शुरू हुई है उस पर अपना ध्यान केंद्रित करें, वहीं यह भी जानें कि कैसे आगे बढ़ना है और फिर भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो।
* यदि आपकी पत्नी का मोबाइल ज्यादा देर तक बिजी आए तो पैनिक होने या शक करने की बजाए बातों ही बातों में यह पूछ लें कि आज वो दिन भर क्या कर रही थीं। ऐसे में आपको अपना जवाब भी मिल जाएगा और रिश्ते में किसी तरह की कोई खींचतान भी नहीं होगी। वहीं, अगर आप इस बात को मन में लिए बैठे रहे कि न जाने वो किससे बात कर रही थी तो आपके मन में अजीबो-गरीबों ख्याल आना लाजमी हैं। ऐसे में जब आप चोरी-छिपे उनका फोन चेक करने लगे तो यह बात आपके रिलेशन पर भी बन सकती है।
* कभी-कभी, विवाहित जोड़े ऐसा महसूस करते हैं कि वे एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं ताकि बिना कहे उनके पार्टनर को पता चले कि वे क्या महसूस करते हैं। लेकिन जब जीवनसाथी ऐसा करने में असफल रहा, तो वे बेहद निराश महसूस करते हैं जिसके कारण छोटी-छोटी बातों पर क्लेश होने लगता है।
ऐसे में सबसे पहले तो आपको यह समझना चाहिए कि आपका पार्टनर कोई मन-पाठक (मन को पढ़ने वाला) नहीं है,जो आपके बिना कहे आपकी बात को समझ जाए। हालांकि, यह बहुत प्यारा है कि आपके पूछने से पहले वह आपके लिए सबकुछ कर दें। लेकिन ऐसा हर बार हो ऐसा जरूरी नहीं है।
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* कुछ विवाहित जोड़े की शादी में सलाह देने के लिए माता-पिता, ससुराल वाले, यहां तक कि सबसे अच्छे दोस्त, बॉस या अन्य लोग भी शामिल होते हैं। जब आप दोनों इस बात को अच्छे से जानते हैं कि आपको और आपके पार्टनर को मिलकर ही उस समस्या का समाधान निकालना है तो चीजों को और अधिक जटिल बनाने के लिए अपने रिश्ते में अनावश्यक पार्टियों को शामिल करने की क्या जरूरत।
याद रखें कि आपको और आपके पार्टनर को बाहरी लोगों के लिए कुछ सीमाएं निर्धारित (boundaries) करने होगी। जो आपके रिश्ते को चलाने के लिए आपको अनावश्यक सलाह न दें।